नई दिल्ली। दो बार ओलंपिक पदक जीतने वाले पहलवान सुशील कुमार वर्षों की मेहनत से फर्श से अर्श पर पहुंचे लेकिन चार मई को हुए एक घटना ने उन्हें अर्श से फर्श पर ला पटका। सुशील कुमार पद्मश्री, अर्जुन अवॉर्ड, राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड पा चुके हैं। लेकिन, हालात कुछ ये बदले कि वह पहले हत्यारोपी, फिर एक लाख रुपये के इनामी बने और अब पुलिस गिरफ्त में है।
लाइव हिंदुस्तान के अनुसार अब हर किसी के जहन में यह बात चल रही है कि मर्डर केस में दोषी ठहराए जाने के बाद क्या सुशील कुमार से उनके सभी पदक और अवार्ड वापस ले लिए जाएंगे? इस बात से कानूनविद्धों ने इन्कार किया है। पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता अमित साहनी के मुताबिक अभी तक के नियमों के अनुसार शारीरिक जांच में स्टिरॉइड मिलने पर ही किसी खिलाड़ी को दिए आवार्ड या उसके द्वारा जीते पदक वापस लिए जा सकते है। ऐसा अमेरिका में हो चुका है। लेकिन इस केस में तथ्य अलग हैं।
वहीं अधिवक्ता अमित साहनी के मुताबिक, सुशील कुमार को केंद्र व दिल्ली सरकार ने कई सम्मान दिए हैं जो वे वापस लिए जा सकते हैं। अदालत में दोषी पाए जाने के बाद सरकार सम्मान वापस ले सकती है।
6 दिन की पुलिस रिमांड पर सुशील कुमार
23 वर्षीय पहलवान की हत्या के मामले में पूछताछ के लिए अदालत से रविवार को ओलंपिक में दो बार पदक जीत चुके कुश्ती खिलाड़ी सुशील कुमार व उसके साथी अजय बक्करवाला को छह दिन की रिमांड पर दिल्ली पुलिस को सौंप दिया है। रोहिणी स्थित मेट्रोपोलिटन मेजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा की अदालत ने रविवार देर शाम यह आदेश दिया।
सुशील कुमार आपने चाहने वालों का दिल तोड़ा
पहलवान सुशील कुमार की गिरफ्तारी को लेकर रविवार को सोशल मीडिया पर भी चर्चा रही। ट्वीटर पर हैशटैग 'सुशील कुमार अरेस्ट' से ट्रेंड किया गया। जिसमें 1163 ट्वीटस किए गए थे। अधिकांश लोगों ने सुशील कुमार की गिरफ्तारी के बारे में लिखा था। जबकि कुछ ट्वीट में लिखा गया था कि सुशील कुमार आपने चाहने वालों का दिल तोड़ दिया।