नई दिल्ली। विश्व क्रिकेट का सबसे धनी बोर्ड भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई इस वक्त वो सब संभावनाओं को देख रहा है जिससे इस साल कोरोना वायरस के बीच आईपीएल का आयोजन किया जा सके। हालांकि इस बात के लिए उन्हें आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ रहा है कि आखिर खिलाड़ियों की जान जोखिम में डालकर बीसीसीआई क्यों इसे आयोजित करना चाहती है।लाइव हिन्दुस्तान के अनुसार इन सब सवालों पर बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने जवाब दिया है कि आखिर क्यों बीसीसीआई के लिए इस टूर्नामेंट को करवाना जरूरी है साथ ही इससे देश को क्या-क्या फायदे होंगे।
रोजी-रोटी के लिए IPL जरूरी
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बीसीसीआई कोषाध्यक्ष ने कहा कि वो यह पैसों के लिए नहीं, बल्कि तमाम लोगों को रोजी-रोटी और देश का मूड बदलने के लिए आइपीएल का आयोजन करने के लिए उतावली है। अरुण धूमल ने कहा है कि इंडियन प्रीमियर लीग सिर्फ एंटरटेनमेंट नहीं है, बल्कि इससे सैकड़ों लोगों की जिंदगी भी चलती है, जो कि इस पर निर्भर हैं। हम आइपीएल को इसलिए भी आयोजित कराना चाहते हैं जिससे कि इस कोरोना वायरस महामारी में लोगों का थोड़ा सा मूड बदल जाए, क्योंकि लोग अभी डरे हुए हैं और उनको कम से कम लाइव क्रिकेट देखकर अपना मन बहलाने का मौका मिल जाएगा।
2000 घरेलू मैच कराने में सक्षम'
बीसीसीआई अधिकारी से पूछा गया कि आईपीएल न होने पर क्या होगा तो उन्होंने कहा कि अगर आइपीएल नहीं होता है तो क्रिकेट गतिविधियों को बनाए रखना मुश्किल होगा। यह हमारे लिए सबसे बड़ा राजस्व प्रमुख है। आइपीएल और क्रिकेट की वजह से हम हर साल 2000 घरेलू मैच आयोजित करने में सक्षम हैं। यह घरेलू से लेकर जूनियर तक, अधिकारियों तक, हर क्रिकेटर के जीवन को प्रभावित करता है। यही कारण है कि बीसीसीआई इस टूर्नामेंट को आयोजित कराना चाहती है। कुछ समय पहले बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा था कि आईपीएल न होने पर बोर्ड को लगभग 4000 करोड़ का नुकसान हो सकता है। इस साल आईपीएल होगा या नहीं, यह ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप पर आईसीसी द्वारा फैसला लिए जाने के बाद ही पता चल पाएगा।