नई दिल्ली। कोरोना की वजह से सभी खेल गतिविधियां स्थगित कर दी गईं हैं।इस बीच अब खबर आ रही है कि श्रीलंका के बाद यूएई ने भी बीसीसीआई के सामने आईपीएल -2020 का आयोजन करने के लिए प्रस्ताव रखा है।यदि बीसीसीआई इस बात के लिए राजी होता है तो ये पहली बार नहीं होगा जब यूएई आईपीएल की मेजबानी करेगा। इससे पहले 2014 में भारत में होने वाले आम चुनाव के साथ तारीखों के टकराव के बचाव हेतु यूएई ने आईपीएल के 20 मैचों की मेजबानी की थी।
आईपीएल को भी मार्च में 14 अप्रैल के लिए स्थगित किया गया था जिसे बाद में अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। बीसीसीआई ने यह फैसला कोरोना वायरस को लेकर खराब हो रहे हालातों को देखते हुए लिया था।यूएई के इस फैसले पर बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अरूण धूमल का मानना है कि इस समय लॉकडाउन की वजह से इंटरनेशनल यात्रा पर प्रतिबंध है, ऐसे में इस पर विचार करने का कोई मतलब नहीं है।आईपीएल को अगर बाहर ले जाना है तो फ्रेंचाइजियों से भी बात करनी होगी क्योंकि एक तरफ सभी का यही मानना है कि अगर आईपीएल का आयोजन बंद दरवाजे के बीच भारत में ही किया जाता है तो वो ठीक रहेगा।अगर आईपीएल बिना दर्शकों के होता है तो बीसीसीआई ब्रॉडकास्टिंग और टाइटल अधिकारों के तहत काफी नुकसान से भरपाई कर सकता है। वहीं अगर कोरोना वायरस के कम होने पर आईपीएल दर्शकों के साथ होता है तो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को इससे लगभग 2500 करोड़ का फायदा होगा।