नई दिल्ली: पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कोरोना वायरस को लेकर आईपीएल टालने के बीसीसीआई के फैसले की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि बोर्ड ने आईपीएल के 13वें सीजन को स्थगित कर सही फैसला लिया है. लेकिन बीसीसीआई के अधिकारी की एक बात गावस्कर को चुभ गई. गावस्कर ने इसके बाद अधिकारी को फटकार लगाई. सुनील गावस्कर ने स्पोर्टस्टार में अपने कॉलम में लिखा, "बीसीसीआई का आईपीएल को 15 अप्रैल तक स्थगित करने का फैसला सराहनीय है. खेल से ज्यादा अहम राष्ट्र और खिलाड़ियों की सुरक्षा है." आईपीएल की शुरुआत 29 मार्च से होनी थी. बीसीसीआई ने कोरोना के चलते इसे 15 अप्रैल तक टाल दिया है.
गावस्कर ने कहा कि आईपीएल का भविष्य इस बात पर निर्भर है कि देश में कितनी जल्दी कोरोना वायरस नियंत्रित किया जाता है. उन्होंने लिखा, "आईपीएल का होना इस पर निर्भर है कि कोविड-19 का फैलाव कितनी जल्दी नियंत्रित होता है."सुनील गावस्कर ने बीसीसीआई के उस अधिकारी को भी आड़े हाथों लिया, जिसने कहा था कि वह आईपीएल को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जैसा कमजोर टूर्नामेंट नहीं होने देना चाहते. अधिकारी का कहना था कि विदेशी खिलाड़ियों के बिना आईपीएल भी मुश्ताक अली टूर्नामेंट जैसा हो जाएगा.
पूर्व कप्तान ने इस बारे में लिखा, "सैयद मुश्ताक अली को लेकर बीसीसीआई अधिकारी का बयान बेहद संवेदनहीन है. पहली बात तो यह कि यह टूर्नामेंट जिसके नाम पर रखा गया है, यह बयान उस महान खिलाड़ी का अपमान है. दूसरी बात यह है कि अगर यह इतना ही बुरा टूर्नामेंट है तो आप इसे कराते क्यों हैं."
गावस्कर ने आगे लिखा कि मुश्ताक अली टूर्नामेंट में इंटरनेशनल क्रिकेटर नहीं खेलते. लेकिन इससे ज्यादा बुरी बात यह है कि इसमें भारत के इंटरनेशनल क्रिकेटर भी हिस्सा नहीं लेते. इसके लिए बीसीसीआई जिम्मेदार है. वह ऐसा शेड्यूल बनाता ही क्यों है कि स्टार क्रिकेटर घरेलू टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले पाते.
-ज़ी न्यूज़ से साभार