राज्य शहरी आजीविका मिशन योजना में वर्ष 2019 में 5 हजार 316 हितग्राहियों को प्रशिक्षण दिया गया। इनमें से 2298 हितग्राहियों को रोजगार/ स्वरोजगार उपलब्ध कराया गया। योजना 110 शहरों में क्रियान्वित की जा रही है। इस योजना मे प्रशिक्षण के लिए सीपेट, इंडो-जर्मन टूल और निजी औद्योगिक संस्थानों से अनुबंध किये गए हैं। स्व-रोजगार कार्यक्रम के अन्तर्गत इस वर्ष 517 हितग्राहियों को 6 करोड़ 28 लाख रूपये ऋण दिया गया है।
शहरी पत्र-विक्रेता सदस्यता योजना में इस वर्ष एक लाख 24 हजार 799 पथ विक्रेताओं का सर्वेक्षण कर परिचय-पत्र वितरित किये गए। पथ-विक्रेताओं की सुविधा के लिए एक करोड़ 33 लाख की लागत से हाकर्स कार्नर का निर्माण करवाया गया।
योजना में जिला मुख्यालयों और एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले 55 नगरीय निकायों में 133 आश्रम स्थल संचालित किये जा रहे हैं। इनमें आश्रयहीन व्यक्तियों को नि:शुल्क आवास और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवायी जाती है।